Sher ki jalan story in hindi
एक घने जंगल में बहुत से जानवर प्रेम पूर्वक रहते थे। जंगल का राजा शेर बहुत ही ताकतवर तथा दयालु था। सभी उसके बनाए नियमों का पालन करते थे।
एक बार सुबह के समय नदी किनारे मोर नाच रहा था। सभी जानवर मोर का नाच देखा रहे थे। सभी मोर की सुंदरता की तारीफ कर रहे थे।
जंगल के राजा शेर को यह बात अच्छी नहीं लगी। वह मन ही मन सोच रहा था, कि मैं इतना ताकतवर हूँ। मेरे पास मजबूत पंजे, तेज दांत तथा बहुत तेज भागने की ताकत हैं। लेकिन फिर मैं सुंदर नहीं हूँ।
शेर को इस बात से बहुत जलन महसूस होती थी कि मोर जब भी अपने पंख फैलाकर नाचता है, तो वह बहुत सुंदर लगता है। यही सब सोचकर शेर बहुत दुखी हो रहा था।
शेर हमेशा यही सोच कर परेशान रहने लगा। तभी वहां से एक हाथी जा रहा था। जो की शेर का बहुत अच्छा दोस्त था। शेर ने सारी बात हाथी को बताई।
शेर की बात सुनकर हाथी ने कहा, तुम्हें गलत हो शेर भाई, सभी तुम्हारा आदर करते हैं। हाथी ने कहा, “जानते हो की कोई इस जंगल में इतना ताकतवर हैं जो मुझे भी परेशान कर देता हैं।“
शेर ने कहा, कौन हैं ऐसा जो हाथी को परेशान कर सके।
हाथी ने कहा, “जंगल का सबसे छोटा जानवर – चींटी”। जब भी वो मेरे कान में घुसती है, तो मैं दर्द के मारे पागल हो जाता हूं।”
हाथी की बात सुनकर शेर को समझ में आ गया कि मोर तो मुझे चींटी की तरह परेशान भी नहीं करता है, फिर भी मुझे उससे जलन होती है।
हाथी ने समझाया की ईश्वर ने सभी प्राणियों को अलग-अलग खामियां और खूबियां दी हैं। इसी वजह से सारे प्राणी ना तो एक जैसे ही ताकतवर हो सकते हैं। ओर न ही कमजोर।
शेर को अब समझ या गया, की ईश्वर ने जैसा भी हमे बनाया हैं, हमे खुश रहने चाहिए।
कहानी से सीख
ईश्वर ने जैसा भी हमे बनाया हैं, हमे खुश रहने चाहिए। हमारा आचरण ही हमारी पहचान होता हैं।
Sher ki jalan story in hindi