HomeHindi Storyबदसूरत बत्तख की कहानी।

बदसूरत बत्तख की कहानी।

Ugly Duckling Story In Hindi

बदसूरत बत्तख का जन्म

बहुत समय पहले की बात हैं। गर्मियों के दिन थे। शाम के समय एक बत्तख ने झील के पांच अंडे दिए। उसने देखा की उसके पांच अंडों में से एक अंडा सबसे बहुत अलग था। कभी वो सोचती की यह सबसे खूबसूरत होगा तो कभी वो डर जाती। उसने अंडों से बच्चों के बाहर आने तक का इंतजार किया।

कुछ दिनों के बाद उसके चार अंडों में से उसके चार नन्हें बच्चे बाहर आ गए। वो सभी बहुत सुंदर और प्यारे थे। लेकिन उसके पांचवें अंडे से अभी तक बच्चा बाहर नहीं आया था। बत्तख अब ओर भी डर गई।

कुछ दिन बाद एक सुबह वह पांचवां अंडा भी फूट गया। उसमें से एक बदसूरत बत्तख का बच्चा निकला। बत्तख का यह बच्चा अपने बाकी के चारों भाई-बहनों से बहुत बड़ा और बिल्कुल अलग था।

यह देखर बत्तख मां बहुत उदास हो गई। पर उसे उम्मीद थी कि शायद कुछ दिनों बाद वह बदसूरत बत्तख भी अपने भाई-बहनों की तरह सुंदर हो जाएगा।

अब सभी  बच्चे  बड़े  हो रहे थे।  बदसूरत होने की वजह से उसके सारे भाई-बहन उसका मजाक भी उड़ाते थे और कोई भी उसके साथ नहीं खेलता था। वह बदसूरत बत्तख का बच्चा बहुत उदास रहने लगा। बत्तख हमेशा अपने बच्चों को समझाती की अपने भी का मजाक मत उड़ाओ।  

बदसूरत बत्तख का घर छोड़ना

एक दिन झील में अपनी परछाई देखते हुए वह बदसूरत बत्तख का बच्चा सोचने लगा कि अब उसे यह से चले जाना चाहिए। उसके जाने के बाद उसके सभी भी बहन खुश रहेंगे।

यही सोचकर वह एक दिन किसी घने जंगल में चला गया। दूसरे जंगल में उसे एक  बत्तख का परिवार मिला। पर उन्होंने उसे भगा दिया। फिर वह एक मुर्गी के घर गया, मुर्गी ने भी उसे चोंच मारकर भगा दिया। उसी रास्ते में उसे एक कुत्ते ने देखा, लेकिन कुत्ता भी उसे छोड़कर चला गया।

बदसूरत बत्तख उदास मन से सोचने लगा कि वह इतना बदसूरत है कि कुत्ता भी उसे नहीं खाना चाहता है।

वह बदसूरत बत्तख का बच्चा प्यार लेने के लिए कभी किसी जंगल तो कभी किसी ओर जानवर का पास गया पर किसी ने ही उसे अपने पास नहीं रखा।

फिर वह पास की गाँव में एक किसान के घर गया, कुछ दिन वह रहने के बाद वो वापस जंगल या गया।

अब उसे जंगल में रहते हुए काफी समय हो चुका था, अब उसकी अकेले रहने की आदत पद चुकी थी। एक दिन वह एक नदी के किनारे टहल रहा था। वहां पर उसने एक सुंदर राजहंसी को देखा, उसका मन हुआ की वो उनसे दोस्ती कर ले, लेकिन फिर उसे लगा कि वह एक बदसूरत बत्तख है इसलिए उसे वह राजहंसी कभी नहीं मिलेगी।

बदसूरत बत्तख की सच्चाई

तभी उसने नदी के पानी में अपनी परछाई देखी और वह हैरान हो गया। उसने देखा अब वह बहुत बड़ा हो गया है और एक सुंदर राजहंस में बदल गया है।

तब उसे पता चला की वो एक हंस है, वो बदसूरत नहीं हैं। अब वो सुंदर हंस भी बाकी हंसो से मिल गया, सभी हंस अपने नए दोस्त को पाकर बहुत खुस थे।

कहानी से सीख –

हम सभी में गुण अवगुण दोनों होते हैं। हमें हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए,  तभी हम अपने गुणों को पहचान कर जीवन में खुशी से आगे बड़ सकते हैं।

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