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श्री गणेश एवं बुढ़िया माई की कहानी

shri ganesh ji aur budhiya mai ki katha

Story -1

एक बुढ़िया माई थी। मिट्टी के गणेश जी की पूजा करती थी। रोज बनाए रोज गल जाए। एक सेठ का मकान बन रहा था। वो बोली पत्थर का गणेश बना दो। मिस्त्री बोले। जितने हम तेरा पत्थर का गणेश घड़ेंगे उतने में अपनी दीवार ना चिनेंगे।

बुढ़िया बोली राम करे तुम्हारी दीवार टेढ़ी हो जाए। अब उनकी दीवार टेढ़ी हो गई। वो चिनें और ढा देवें, चिने और ढा देवें। इस तरह करते-करते शाम हो गई। शाम को सेठ आया उसने कहा आज कुछ भी नहीं किया।

वो कहने लगे एक बुढ़िया आई थी वो कह रही थी मेरा पत्थर का गणेश घड़ दो, हमने नहीं घड़ा तो उसने कहा तुम्हारी दीवार टेढ़ी हो जाए। तब से दीवार सीधी नहीं बन रही है। बनाते हैं और ढ़ा देते हैं।

सेठ ने बुढ़िया बुलवाई। सेठ ने कहा हम तेरा सोने का गणेश गढ़ देंगे। हमारी दीवार सीधी कर दो। सेठ ने बुढ़िया को सोने का गणेश गढ़ा दिया। सेठ की दीवार सीधी हो गई। जैसे सेठ की दीवार सीधी की वैसी सबकी करना।

Story -2

एक बुढ़िया थी। वह बहुत ही ग़रीब और अंधी थीं। उसके एक बेटा और बहू थे। वह बुढ़िया सदैव गणेश जी की पूजा किया करती थी। एक दिन गणेश जी प्रकट होकर उस बुढ़िया से बोले-

‘बुढ़िया मां! तू जो चाहे सो मांग ले।’

बुढ़िया बोली- ‘मुझसे तो मांगना नहीं आता। कैसे और क्या मांगू?’

तब गणेशजी बोले – ‘अपने बहू-बेटे से पूछकर मांग ले।’

तब बुढ़िया ने अपने बेटे से कहा- ‘गणेशजी कहते हैं ‘तू कुछ मांग ले’ बता मैं क्या मांगू?’

पुत्र ने कहा- ‘मां! तू धन मांग ले।’

बहू से पूछा तो बहू ने कहा- ‘नाती मांग ले।’

तब बुढ़िया ने सोचा कि ये तो अपने-अपने मतलब की बात कह रहे हैं। अत: उस बुढ़िया ने पड़ोसिनों से पूछा, तो उन्होंने कहा- ‘बुढ़िया! तू तो थोड़े दिन जीएगी, क्यों तू धन मांगे और क्यों नाती मांगे। तू तो अपनी आंखों की रोशनी मांग ले, जिससे तेरी ज़िन्दगी आराम से कट जाए।’

इस पर बुढ़िया बोली- ‘यदि आप प्रसन्न हैं, तो मुझे नौ करोड़ की माया दें, निरोगी काया दें, अमर सुहाग दें, आंखों की रोशनी दें, नाती दें, पोता, दें और सब परिवार को सुख दें और अंत में मोक्ष दें।’

यह सुनकर तब गणेशजी बोले- ‘बुढ़िया मां! तुने तो हमें ठग दिया। फिर भी जो तूने मांगा है वचन के अनुसार सब तुझे मिलेगा।’ और यह कहकर गणेशजी अंतर्धान हो गए। उधर बुढ़िया माँ ने जो कुछ मांगा वह सबकुछ मिल गया। हे गणेशजी महाराज! जैसे तुमने उस बुढ़िया माँ को सबकुछ दिया, वैसे ही सबको देना।

shri ganesh ji aur budhiya mai ki katha

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