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अकबर-बीरबल : सबसे बड़ी चीज

Sansar Me Sabse Badi Cheez Story In Hindi

बीरबल से ईर्ष्या

अकबर के नवरत्नों मे एक थे, बीरबल। बीरबल महाराज को बहुत प्रिय थे, कितनी ही बार अपनी चतुराई से बिना युद्ध किए बीरबल ने समस्या का समाधान निकाल था।

एक बार बीरबल दरबार में मौजूद नहीं थे। इसी बात का फायदा उठा कर कुछ मंत्रीगण बीरबल के खिलाफ महाराज अकबर के कान भरने लगे। उनमें से एक कहने लगा, “महाराज! आपके दरबार मे सिर्फ बीरबल ही समझदार नहीं हैं,

आप केवल बीरबल को ही हर जिम्मेदारी देते हैं और हर काम में उन्हीं की सलाह ली जाती है। हम भी बीरबल जितने ही योग्य हैं।आप हमे भी जीमेदारी देकर देखे, हम आपको निराश नहीं करेंगे।

महाराज को बीरबल बहुत प्रिय थे। पर वो यह नहीं चाहते थे, की दरबार मैं मंत्री आपस मे लड़े।

अकबर द्वारा मंत्रियों की परीक्षा लेना

महाराज ने एक समाधान निकाला। उन्होंने उनसे कहा, “मैं तुम सभी से एक प्रश्न का जवाब चाहता हूं। मगर, ध्यान रहे कि अगर तुम लोग इसका जवाब न दे पाए, तो तुम सबको फांसी की सजा सुनाई जाएगी।”

दरबारियों ने सोच ऐसा मोका फिर नहीं मिलेगा, इसलिए महाराज की शर्त मंजूर कर ली।  

महाराज ने कहा, “दुनिया की सबसे बड़ी चीज़ क्या है?”

यह सवाल सुनकर सभी मंत्रीगण एक दूसरे का मुंह ताकने लगे। इस पर मंत्रीगणों ने राजा से इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए कुछ दिनों की मोहलत मांगी। राजा ने कहा की, जितना समय लेना हैं, पर सही उत्तर के साथ ही राजसभा मे आना।

महल से बाहर निकलकर सभी मंत्रीगण इस प्रश्न का उत्तर ढूंढने लगे। पहले ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी चीज़ अल्लाह है, तो दूसरा कहने लगा कि दुनिया की सबसे बड़ी चीज भूख है।

तीसरे ने दोनों के जवाब को नकार दिया और कहा कि अल्लाह कोई चीज नहीं है और भूख को भी बर्दाश्त किया जा सकता है। इसलिए राजा के प्रश्न का उत्तर इन दोनों में से कोई नहीं है।

धीरे-धीरे समय बीतता गया, पर सही उत्तर नहीं मिला। कोई अन्य उपाय न मिलने पर वो सभी बीरबल के पास पहुंचे और उन्हें अपनी पूरी कहानी सुनाई। बीरबल पहले से ही इस बात से परिचित थे। उन्होंने उनसे कहा, “मैं तुम्हारी जान बचा सकता हूं, लेकिन तुम्हें वही करना होगा जैसा मैं कहूं।” सभी बीरबल की बात पर राजी हो गए।

बीरबल द्वारा मंत्रियों की मदद करना

अगले ही दिन बीरबल ने एक पालकी का इंतजाम करवाया। उन्होंने दो मंत्रीगणों को पालकी उठाने का काम दिया, बीरबल स्वयं पालकी मे बैठ गए। तीसरे से अपना हुक्का पकड़वाया और चौथे से अपने जूते उठवाये। फिर उन सभी को राजा के महल की ओर चलने का इशारा दिया।

बड़ी शान से बीरबल दरबार मे आते हैं, सभी दरबारी यह सब देखकर हैरान थे। बड़े बड़े मंत्री बीरबल की पालकी उठा रहे है, कोई जूते उठा रहा हैं ।

बीरबल राजा से बोले, “महाराज! सबसे पहले आप इन सभी मंत्री को माफ करे, वादा करे की आप कोई दंड नहीं देंगे। बीरबल ने कहा, “दुनिया की सबसे बड़ी चीज ‘गरज’ यानि ‘जरूरत’ होती है। अपनी गरज के कारण ही ये सब मेरी पालकी को उठा कर यहां तक ले आए हैं।”

यह सुन महाराज मुस्कुराये बिना न रह सके और सभी मंत्रीगण शरम के मारे सिर झुकाए खड़े रहे।

कहानी से सीख –

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें सफल व्यक्ति से जालना नहीं चाइवे ,  बल्कि उससे सीख लेकर खुद को भी बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

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