मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो । maiya mori main nahin makhan khayo lyrics
मैया मोरी मैं नहिं…।
भोर भयो गैयन के पाछे, मधुवन मोहिं पठायो ।
चार पहर बंसीबट भटक्यो, साँझ परे घर आयो ॥
मैया मोरी मैं नहिं…।
मैं बालक बहिंयन को छोटो, छींको किहि बिधि पायो ।
ग्वाल बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायो ॥
मैया मोरी मैं नहिं…।
तू जननी मन की अति भोरी, इनके कहे पतिआयो ।
जिय तेरे कछु भेद उपजि है, जानि परायो जायो ॥
मैया मोरी मैं नहिं…।
मैया मोरी मैं नहिं…।
यह लै अपनी लकुटि कमरिया, बहुतहिं नाच नचायो ।
‘सूरदास’ तब बिहँसि जसोदा, लै उर कंठ लगायो ॥
मैया मोरी मैं नहिं…।
maiya mori main nahin makhan khayo lyrics