kya bharosa hai is jindagi ka lyrics bhajan ghazal
क्या भरोसा है इस ज़िंदगी का
साथ देती नहीं यह किसी का
सांस रुक जाएगी चलते चलते,
शमा बुज जाएगी जलते जलते ।
दम निकल जायेगा रौशनी का ॥
क्या भरोसा है इस ज़िंदगी का
साथ देती नहीं यह किसी का
हम रहे ना मोहोबत रहेगी,
दास्ताँ अपनी दुनिया कहेगी ।
नाम रह जाएगा आदमी का ॥
क्या भरोसा है इस ज़िंदगी का
साथ देती नहीं यह किसी का
दुनिया है इक हकीकत पुरानी,
चलते रहना है उसकी रवानी ।
फर्ज पूरा करो बंदगी का ॥
क्या भरोसा है इस ज़िंदगी का
साथ देती नहीं यह किसी का
kya bharosa hai is jindagi ka lyrics bhajan ghazal