Chintpurni Mata Ki Aarti
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी, जग को तारो भोली माँ
जन को तारो भोली माँ, काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा ॥ भोली माँ ॥
सिन्हा पर भाई असवार, भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर ॥ भोली माँ ॥
एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा, तीजे त्रिशूल सम्भालो, ॥ भोली माँ ॥
चौथे हाथ चक्कर गदा, पाँचवे-छठे मुण्ड़ो की माला, ॥ भोली माँ ॥
सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे, आठवे से असुर संहारो, ॥ भोली माँ ॥
चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर, बैठी दीवान लगाये, ॥ भोली माँ ॥
हरी ब्रम्हा तेरे भवन विराजे, लाल चंदोया बैठी तान, ॥ भोली माँ ॥
औखी घाटी विकटा पैंडा, तले बहे दरिया, ॥ भोली माँ ॥
सुमन चरण ध्यानु जस गावे, भक्तां दी पज निभाओ ॥ भोली माँ ॥
English: Chintpurni Mata Ki Aarti
Chintapurni Chinta Dur Karni,
Jag Ko Taaro Bholi Maa
Jan Ko Taaro Bholi Maa,
Kaali Da Putra Pavan Da Ghoda ॥
॥ Bholi Maa ॥
Sinha Par Bhai Asawaar,
Bholi Maa Chintapurni Chinta Dur ॥
॥ Bholi Maa ॥
Ek Haath Khadag Duje Me Khanda,
Tije Trishul Sambhaalo ॥
॥ Bholi Maa ॥
Chauthe Haath Chakkar Gadaa,
Paanchve Chaithe Mundo Ki Maalaa ॥
॥ Bholi Maa ॥
Saatve Se Rund Mund Bidaare,
Aadye Se Asur Sanhaaro ॥
॥ Bholi Maa ॥
Champe Ka Baag Laga Ati Sundar,
Baithi Deevaan Lagaye ॥
॥ Bholi Maa ॥
Hari Bramha Tere Bhavan Viraaje,
Laal Chandoya Baithi Taan ॥
॥ Bholi Maa ॥
Aukhi Ghaati Vikata Paindaa,
Tale Bahe Daariya ॥
॥ Bholi Maa ॥
Suman Charan Dhyaanu Jas Gaave,
Bhakta Di Paj Nibhao ॥
॥ Bholi Maa ॥
Chintapurni Chinta Dur Karni,
Jag Ko Taaro Bholi Maa